डिजिटल  इ-रुपया  का  इतिहास

क्या  आप  जानते  हे , इ-रुपया  की  सुरुवात  दुनिया  में  सबसे  पहले  कौन  सी  देश  ने  की  थी , और  कब  की  थी .


आज  दुनिया  बहुत  तरक्की  की   और  बहुत  तेजी  से  बढ़  रहाहे , 

और  इस  तेजी  से  बढ़ने  के  पीछे  सबसे  बड़ा  हाथ  इंटरनेट  का  हे , दुनिया  में  हर  किसी  चीज़  दिगीतालली  हो  रही  हे .

इसी  तरह  कई  देशो  ने  अपनी  करेंसी  को  डिजिटल  करेंसी  को  बी  डिजिटल  (e-rupee ) करेंसी  के फॉर्मेट  जारी  किया  है .


एक  ऐसा  देश  हे  जिसने  साल  2020 में  डिजिटल  करेंसी  या इ-रुपया  की  सुरुवात  सबसे  पहले  की . उस  देश  का  नाम  है  बहमास .

साल  2020 की  इस  देश  ने  डिजिटल  करेंसी  को  दुनिया  में  पहली  बार  प्रदर्शित  किया  था , और  इसी  के  चलते  अब  हमारा  देश  भारत में  इसकी  सुरवात  की  और  कदम  बढ़ाया  है .


भारत  ने  1 दिसम्बर  को  रिटेल  डिजिटल  रुपया  की  पायलट  प्रोजेक्ट  को  लंच  किया  हे .


देश  के  4 प्रमुख  सहर  इस  पलट  प्रोजेक्ट  की  सुरुवात  की  गई  है , जिनमे  दिल्ली , मुंबई , बंगलुरु  or भुबनेश्वर  शामिल  हे .


इस  प्रोजेक्ट  के  लिए  चुनेगए  बैंको  के  लिए  1.71 करोड़   रुपए  की  डिजिटल  रुपया  की  मांग  की  गईथी .


इस  प्रोजेक्ट के  लिए  4 प्रमुख  बैंको   चुनागया  था , जिनमे  SBI, ICICI, YES BANK, or IDFC BANK इसकी  सूचि  में  एते  है .


इसकी  लेन-देन  ग्राहक-ब्यापारी  दोनों  ही  करसकेंगे .


बैंको  की  मांग  के  अनुरूप  भारतीय  रिज़र्व  बैंक  डिजिटल  रुपया  जारी  किया  है .


RBI ने  कहा  है  की  पलट  में  ग्राहक  और  ब्यापारिओं  का  क्लोज्ड  ग्रुप  होगा , जोकि  चुनिंदा स्थानों  को  कवर  करेगा .


भारत  में  इसकी  डिस्ट्रीब्यूशन  के  लिए  बैंको  के  जरिये  से  होगा .

 यूजर  इसे  मोबाइल  फ़ोन , और  डिवाइस  में   डिजिटल  वॉलेट  में  रख  सकेंगे . इसको  डिजिटल  वॉलेट  को  पर्सन  टू  पर्सन  और  पर्सन  टू   मर्चेंट  ट्रांसफर  किया  जा  सकेगा . 


RBI की  और  से  जारी  किये  गए  इ-रुपया  डिजिटल  टोकन  पर  आधारित  हे  , इसे  केंद्रीय

 बैंक  से  ही  जारी  किया  जा  सकता  है . 

और  इसका  मूल्य  बैंक  के  नोट  के  समान  ही  है . 


जिस  तरह  किसी  भी  पप्पेर  नोट  100, 200, 500 या  फिर  2000 की  नोट  जारी  कियागया  हे , ये  डिजिटल  रुपया  भी  ठीक  उसी  तरह  इ-वॉलेट  में  सुरक्षित  रहेगा .


ये  जो  इ-वॉलेट  हे  इसे  भी  बैंको  की  और  से ही  जारी  किया  जाएगा , मगर  इसकी  निगरानी  का जिम्मा  पूरी  तरह  से  RBI के  पास  ही  रहेगा .


इसके  इस्तेमाल  से  UPI जैसे  फोनपे, गूगल  पे, पेटीएम  से  लगने  बाले  चार्जेज  से  छुटकारा  मिलेगा .


 1 नवंबर  की  RBI ने  व्होलसेल  e-रुपया  का  पलट  प्रोजेक्ट  को  लंच  किया  था . जो  केबल  बड़ी  बित्तीय संस्थानों  के  लिए  बड़ी  नॉन-बैंकिंग  कम्पनयों  के  लिए था .