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मणिपुर के नोनी में मंगलवार तड़के भूूकंप के झटके महसूस किए गए।

नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (एनसीएस) के मुताबिक भूकंप के झटके तड़के 

लगभग दो बजकर 46 मिनट पर महसूस किए गए और इसका केंद्र पृथ्वी की सतह से 25 किलोमीटर की गहराई में था। 

रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.2 मापी गई है। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने भूकंप से किसी तरह के जानमाल के नुकसान की पुष्टि नहीं की है।



इससे पहले 19 फरवरी को आंध्र प्रदेश के एनटीआर जिले के नंदीगामा शहर में भूकंप आया था।

 भूकंप के झटके रविवार सुबह करीब सात बजकर 13 मिनट पर आए था और 3.4 सेकंड तक रहे।

 दहशत में आए रहवासी अपने घरों से निकलकर सड़कों पर आ गए थे। उसी दिन, रिक्टर पैमाने पर 3.0 तीव्रता का भूकंप मध्य प्रदेश में भी आया था।



नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के मुताबिक, भूकंप इंदौर से करीब 151 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में धार में दोपहर करीब एक बजे आया था। 

भूकंप एजेंसी ने कहा कि भूकंप का केंद्र पृथ्वी की सतह से 10 किलोमीटर की गहराई में था।


गुजरात : कच्छ और अमरेली में महसूस हुए भूकंप के झटके

गुजरात के कच्छ और अमरेली जिलों में सोमवार को क्रमश: 3.8 और 3.3 तीव्रता के भूकंप के दो झटके महसूस किए गए।

 हालांकि, दोनों जगहों पर किसी तरह के जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं है। 

अमरेली में पिछले एक हफ्ते में 3.1 से 3.4 तीव्रता के बीच पांच झटके महसूस हो चुके हैं। 

यहां पिछले दो वर्षों में लगभग 400 हल्के झटके दर्ज किए गए हैं। वहीं, कच्छ जिले में जनवरी 2001 में विनाशकारी भूकंप आया था। 


क्यों आता है भूकंप?

धरती मुख्य तौर पर चार परतों से बनी हुई है. इनर कोर, आउटर कोर, मैनटल और क्रस्ट. क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल कोर को लिथोस्फेयर कहा जाता है.

ये 50 किलोमीटर की मोटी परत कई वर्गों में बंटी हुई है जिन्हें टैकटोनिक प्लेट्स कहा जाता है. यानि धरती की ऊपरी सतह 7 टेक्टोनिक प्लेटों से मिलकर बनी है.

 ये प्लेटें कभी भी स्थिर नहीं होती, ये लगातार हिलती रहती हैं, जब ये प्लेटें एक दूसरे की तरफ बढ़ती है तो इनमें आपस में टकराव होता है. कई बार ये प्लेटें टूट भी जाती हैं.

इनके टकराने से बड़ी मात्रा में ऊर्जा निकलती है जिससे इलाके में हलचल होती है. कई बार ये झटके काफी कम तीव्रता के होते हैं, इसलिए ये महसूस भी नहीं होते. जबकि कई बार इतनी ज्यादा तीव्रता के होते हैं, कि धरती फट तक जाती है.

भूकंप से कैसे बचें?

भूकंप के झटके महसूस आने पर डरने की बजाय सावधानी और संयम बरतें. अगर आप भूकंप के झटके महसूस करते हैं तो सबसे पहले घर से बाहर निकलकर खुली जगह पर जाने की कोशिश करें.

अगर गली काफी संकरी हो और दोनों ही ओर बहुमंजिला इमारतें बनी हों, तो बाहर निकलने से कोई फायदा नहीं होगा. तब घर में ही सुरक्षित ठिकाने पर रहें.

अगर घर से बाहर निकलने में काफी वक्त लग सकता है, तो घर के कमरे के किसी कोने में या किसी मजबूत फर्नीचर के नीचे छुप जाएं. कोशिश करें कि सिर के साथ-साथ शरीर के अन्य संवेदनशील अंग बचे रहें.