कुकी- चीन समुदाय क्या है ?


कुकी-चीन चाट गाओं हिल्स  ट्रस्ट्स नामक एरिया के क्षेत्र में सक्रिय है |


कुकी-चीन के लगभग 280 बंगला देशी आदिबासी नागरिक अपने देश को छोड़ के भारत में मिजोरम के लोंगटलाई ज़िले में प्रबेश कर गए है |


ये बांग्लादेशी शरणार्थी सुरक्षा बालो और कुकी-चीन नेशनल आर्मी के बिच शंघर्ष होने के कारण अपने देश या क्षेत्र को छोड़ के भारत के मिजोरम में सारण लेने में मजबूर होने के कारण मिजोरम में सारण ले रहे है |


कुकी-चीन नेशनल आर्मी एक शशस्त्र बिद्रोही समूह है |


चाट गाओं हिल्स ट्रैक्स एक गरीब , पिछड़ा हुआ पहाड़िया और बन क्षेत्र है |


दक्षिण-पूरबी बांग्लादेश के खगराचारी रंगमती और बन्दर बन ज़िले के अंतर्गत आता है |


इस क्षेत्र करीब 13000 बर्ग किलोमीटर में दक्षिण-पूरबी बांग्लादेश में फैला हुआ है |


बांग्लादेश हमारा पडोशी देश होने के कारण ये हमारे देश भारत के मिजोरम के साथ करीब 318 किलोमीटर  दुरी की सीमा साझा करता है |


ये पुर्ब में मिजोरम के साथ, उत्तर में त्रिपुरा के साथ, और दक्षिण-पुर्ब की सीमा को म्यांमार के साथ लगा गए है |


इस क्षेत्र की आदिबाशी शंस्कृति राजनीति रूप से बांग्लादश के डेल्टा मुख्य भूमि में रहने बाले बहुशंख्यंक मुस्लिम बांग्लादेशीयोन से अलग है |


CHT (चट-गाओं हिल्स ट्रैक्ट्स ) की जान जाती और मिजोरम के निबाशियों के अनुशार, CHT के जनजातिया आबादी भारत के मिजोरम जनजातीय आबादी के साथ बहुत साल पुरानाऔर गहरा सम्बन्ध हे |


CHT  की जनजातिया आबादी और मिजोरम के निबाशियो का मानना है की वे एक ही बंश के हे, और उनकी शंस्कृति भी एक ही है और करीब करीब मिलता जुलता एक ही भाषा को साझा करते है |


KNF ( कुकी-चीन नेशनल फ्रंट ) का दबा है की बाबम, पंखुआ, लुशाई, म्रो, और ख्वांग जाती या समूह के सभी सदश्य एक बड़ी चैन जाती के है |


1891 के ब्रिटिश के हमले से पहले वे एक ही क्षेत्र में निबस करते थे |


ये देश करीब 91000 बर्ग किलोमीटर के क्षेत्र का था और इसके अंतर्गत टिप्पौहा  पहाड़ी क्षेत्र जो की अब त्रिपुरा में अबस्थित है ,कछार पहाड़ी क्षेत्र जो आसाम में में है, और मणिपुर की  दक्षिण-पूरबी पश्चिमी पहाड़िया और लुशाई पहाड़िया क्षेत्र जो मिजोरम में है, चट-गाओं हिल्स ट्रैक्ट्स जो बांग्ला देश में है |